69000 Shikshak Bharti: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला लंबे समय से चर्चा में है। इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा था, जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी की गई मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था।
इस फैसले से हजारों शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई थी। लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है और 23 सितंबर को इस मामले पर अंतिम सुनवाई करेगा। इस फैसले से लाखों अभ्यर्थियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिली है।
69000 शिक्षक भर्ती का इतिहास
69000 शिक्षक भर्ती की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी, जब यूपी सरकार ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2019 (ATRE-2019) की घोषणा की। यह उस समय बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षकों के चयन के लिए राज्य सरकार का सबसे बड़ा भर्ती अभियान था। इस परीक्षा के लिए लगभग 4.3 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
परीक्षा के बाद, सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65% और आरक्षित वर्ग के लिए 60% कट-ऑफ निर्धारित किया। लेकिन इस कट-ऑफ को लेकर विवाद खड़ा हो गया और मामला कोर्ट पहुंच गया।
आरक्षण विवाद और कोर्ट का फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अगस्त 2024 में एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का सही से पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वह:
- जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी की गई मेरिट लिस्ट को रद्द करे
- तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करे
- आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को, जो सामान्य श्रेणी की मेरिट में आते हैं, उन्हें सामान्य श्रेणी में शामिल करे
इस फैसले से लगभग 19000 शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई थी।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
हाई कोर्ट के फैसले के बाद, कुछ चयनित उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए:
- हाई कोर्ट के फैसले पर 25 सितंबर तक रोक लगाई
- यूपी सरकार और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया
- सभी पक्षों से 7 पन्नों में लिखित जवाब मांगा
- 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की
23 सितंबर के फैसले का महत्व
23 सितंबर को होने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। इस फैसले से:
- हजारों शिक्षकों की नौकरी का भविष्य तय होगा
- आरक्षण नीति के क्रियान्वयन पर स्पष्टता आएगी
- भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी
संभावित परिणाम | प्रभाव |
हाई कोर्ट के फैसले की पुष्टि | 19000 शिक्षकों की नौकरी जा सकती है |
हाई कोर्ट के फैसले को पलटना | मौजूदा शिक्षकों की नौकरी बच सकती है |
नए दिशा-निर्देश जारी करना | भर्ती प्रक्रिया में बदलाव हो सकता है |