Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने राज्य में चल रहे लैंड सर्वे (भूमि सर्वेक्षण) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने लैंड सर्वे को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया है। इस दौरान लोगों को अपने जमीन से जुड़े दस्तावेज जमा करने का मौका दिया जाएगा। यह फैसला लोगों को राहत देने के लिए लिया गया है, क्योंकि कई लोगों को दस्तावेज जुटाने में परेशानी हो रही थी।
लैंड सर्वे बिहार सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जिसका मकसद राज्य के सभी 45,000 गांवों की जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है। यह सर्वे 114 साल बाद किया जा रहा है। इससे जमीन विवादों को कम करने और भूमि प्रशासन में सुधार लाने में मदद मिलेगी। लेकिन शुरुआत से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही थीं।
बिहार लैंड सर्वे क्या है?
बिहार लैंड सर्वे एक व्यापक भूमि सर्वेक्षण अभियान है, जिसे राज्य सरकार ने 20 अगस्त 2024 से शुरू किया है। इस सर्वे के मुख्य उद्देश्य हैं:
- राज्य के सभी 45,000 गांवों की जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना
- जमीन की सीमाओं का नया मापन करना
- भूमि स्वामित्व की जांच करना
- जमीन से जुड़े विवादों को कम करना
- भूमि प्रशासन में सुधार लाना
यह सर्वे बिहार में 114 साल बाद किया जा रहा है। आखिरी बार 1910 में ऐसा सर्वे हुआ था।
लैंड सर्वे के नियमों में क्या बदलाव किए गए हैं?
सरकार ने लैंड सर्वे के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
- सर्वे को तीन महीने के लिए स्थगित किया गया है।
- इस दौरान लोग अपने जमीन से जुड़े दस्तावेज जमा कर सकेंगे।
- ऑनलाइन जमाबंदी में गलती होने पर भी सर्वे किया जाएगा। लोग ऑफलाइन कागजात दिखाकर सर्वे करवा सकेंगे।
- दाखिल-खारिज न होने पर भी जमीन का सर्वे किया जाएगा।
सरकार ने यह फैसला क्यों लिया?
सरकार ने यह फैसला कई कारणों से लिया है:
- लोगों को दस्तावेज जुटाने में हो रही परेशानी
- ऑनलाइन जमाबंदी में गलतियां होने की शिकायतें
- दाखिल-खारिज न होने से सर्वे में आ रही दिक्कतें
- पुराने दस्तावेजों को समझने में आ रही परेशानी (कैथी लिपि)
- सर्कल ऑफिस स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें
लैंड सर्वे से क्या फायदे होंगे?
- जमीन विवादों में कमी आएगी
- अपराध में कमी आएगी (60% हत्याएं जमीन विवाद से जुड़ी हैं)
- भूमि प्रशासन में सुधार होगा
- किसानों को आसानी से लोन मिल सकेगा
- सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हटेंगे
- जमीन की कीमत बढ़ेगी
लैंड सर्वे की प्रक्रिया क्या है?
- जमीन मालिकों से दस्तावेज मांगे जाते हैं
- मुख्य दस्तावेज: खतियान, खाता, जमीन का नक्शा
- लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन दस्तावेज जमा कर सकते हैं
- सरकारी टीम जमीन का मापन करती है
- नए डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किए जाते हैं