Delhi Water Supply: दिल्ली के कई इलाकों में 1 और 2 अक्टूबर को 16 घंटे तक पानी की आपूर्ति बंद रहेगी। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने यह जानकारी दी है। पानी की कटौती का कारण हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मरम्मत का काम है। इस दौरान कई इलाकों में पानी की आपूर्ति या तो बिल्कुल नहीं होगी या फिर कम दबाव के साथ होगी।
डीजेबी के अनुसार, हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट फेज-1 में 1100 मिमी व्यास की हेडर लाइन की मरम्मत की जाएगी। यह लाइन 1100 मिमी व्यास की वेस्ट दिल्ली मेन और 1200 मिमी व्यास की पीतमपुरा मेन को पानी की आपूर्ति करती है। इस मरम्मत के कारण 1 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 2 अक्टूबर सुबह 2 बजे तक, यानी 16 घंटे तक पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
दिल्ली जल आपूर्ति कटौती की मुख्य बातें
विवरण | जानकारी |
कटौती की तारीख | 1-2 अक्टूबर, 2024 |
कटौती का समय | 1 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 2 अक्टूबर सुबह 2 बजे तक |
कुल अवधि | 16 घंटे |
कारण | हैदरपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मरम्मत कार्य |
प्रभावित क्षेत्र | पश्चिमी दिल्ली के कई इलाके |
डीजेबी की सलाह | पानी का संग्रह करें और समझदारी से उपयोग करें |
वैकल्पिक व्यवस्था | मांग पर पानी के टैंकर उपलब्ध होंगे |
प्रभावित इलाके
डीजेबी ने बताया है कि निम्नलिखित इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी:
- वरुण निकेतन
- राजा गार्डन
- रमेश नगर
- ख्याला
- रानी बाग
- मोती नगर
- शांता पुरी
- टैगोर गार्डन
- तिलक नगर
- राजौरी गार्डन
- हरि नगर
- आसपास के इलाके
लोगों के लिए सलाह
डीजेबी ने प्रभावित इलाकों के निवासियों को सलाह दी है कि वे पर्याप्त मात्रा में पानी का संग्रह कर लें और उसका समझदारी से उपयोग करें। इसके अलावा, डीजेबी ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जाएंगे। लोग डीजेबी की हेल्पलाइन या सेंट्रल कंट्रोल रूम से संपर्क करके पानी के टैंकर मंगवा सकते हैं।
पिछले महीने की घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है। पिछले महीने भी कई बार पानी की आपूर्ति में रुकावट आई थी:
- 20 सितंबर को, डीजेबी ने चंद्रावल वाटर वर्क्स में मरम्मत के कारण 12 घंटे तक पानी की कटौती की घोषणा की थी। इससे सिविल लाइंस, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और नया राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और छावनी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई थी।
- इससे पहले, कमला मार्केट के पास आपूर्ति लाइन में एक बड़े लीकेज की मरम्मत के कारण उत्तरी और मध्य दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हुई थी।
दिल्ली की जल समस्या
दिल्ली में पानी की समस्या नई नहीं है। राजधानी में पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता लंबे समय से चिंता का विषय रही है। कुछ प्रमुख मुद्दे हैं:
- जल शोधन संयंत्रों की खराब स्थिति: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 38 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) के आउटलेट पर पानी की गुणवत्ता में गंभीर कमियां पाई गई हैं। इनमें उच्च स्तर के रोगजनक तत्व पाए गए हैं।
- भूजल प्रदूषण: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने द्वारका में भूजल प्रदूषण पर चिंता जताई है। यहां 354 में से 180 हाउसिंग सोसाइटियों में पीने का पानी असुरक्षित पाया गया है।
- यमुना नदी का प्रदूषण: यमुना नदी का प्रदूषण दिल्ली की एक बड़ी समस्या है। नदी में औद्योगिक कचरे और अशोधित सीवेज का लगातार प्रवाह होता है।
- वित्तीय संकट: दिल्ली जल बोर्ड गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। 2024-25 के बजट में आवंटित 7,195 करोड़ रुपये में से अब तक केवल 473 करोड़ रुपये ही मिले हैं। इससे बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स प्रभावित हो रहे हैं।
समाधान के प्रयास
दिल्ली सरकार और डीजेबी जल समस्या के समाधान के लिए कई कदम उठा रहे हैं:
- जल शोधन क्षमता में वृद्धि: नए जल शोधन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं और मौजूदा संयंत्रों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
- पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार: पुरानी और क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों को बदला जा रहा है और नए क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाई जा रही है।
- वर्षा जल संचयन: सरकारी भवनों और बड़े आवासीय परिसरों में वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया है।
- यमुना की सफाई: यमुना एक्शन प्लान के तहत नदी की सफाई और किनारों के विकास का काम चल रहा है।
- जागरूकता अभियान: पानी के संरक्षण और समझदारी से उपयोग के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली में पानी की समस्या जटिल और बहुआयामी है। इसके समाधान के लिए सरकार, नागरिक समाज और आम जनता के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। वर्तमान में 1 और 2 अक्टूबर को होने वाली पानी की कटौती अस्थायी है, लेकिन यह दिल्ली की व्यापक जल समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करती है।
प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे पानी का संग्रह करें और उसका विवेकपूर्ण उपयोग करें। साथ ही, वे किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए डीजेबी की हेल्पलाइन नंबर अपने पास रखें। दीर्घकालिक समाधान के लिए, सरकार को जल प्रबंधन की बुनियादी संरचना में निवेश बढ़ाने और नवीन तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है।
अंत में, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पानी एक मूल्यवान संसाधन है। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह पानी का समझदारी से उपयोग करे और इसके संरक्षण में योगदान दे। केवल सामूहिक प्रयासों से ही हम दिल्ली की जल समस्या का स्थायी समाधान निकाल सकते हैं और एक स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध राजधानी का निर्माण कर सकते हैं।