Credit Card Loan EMI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार ने हाल ही में बैंक खातों से संबंधित कई नए नियम जारी किए हैं। ये नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होंगे और सभी बैंक खाता धारकों को प्रभावित करेंगे। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ाना और धोखाधड़ी को रोकना है।
इन नए नियमों के तहत, बैंकों को अपने ग्राहकों के लेनदेन का विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा। इसमें न केवल उनके अपने खातों में किए गए लेनदेन शामिल हैं, बल्कि दूसरे खातों में किए गए भुगतान का भी रिकॉर्ड रखना होगा। यह कदम वित्तीय प्रणाली में सुरक्षा और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
नए नियमों का विहंगावलोकन
नियम | विवरण |
लागू होने की तिथि | 1 नवंबर 2024 |
लेनदेन रिकॉर्ड | सभी प्रकार के लेनदेन का विस्तृत रिकॉर्ड रखना अनिवार्य |
KYC अपडेट | हर 2 साल में KYC अपडेट करना जरूरी |
निष्क्रिय खाते | 2 साल तक निष्क्रिय रहने पर खाता फ्रीज |
कैश ट्रांजेक्शन | 50,000 रुपये से अधिक के कैश लेनदेन पर पैन कार्ड अनिवार्य |
डिजिटल लेनदेन | UPI और NEFT के लिए नए सुरक्षा मानदंड |
बचत खाता ब्याज | न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ब्याज में कटौती |
चेक बुक शुल्क | पहली चेक बुक मुफ्त, उसके बाद शुल्क लागू |
लेनदेन रिकॉर्ड रखने के नए नियम
RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को अब अपने ग्राहकों के सभी लेनदेन का विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- खाते में जमा की गई राशि
- निकाली गई राशि
- अन्य खातों में किए गए भुगतान
- UPI, NEFT, RTGS जैसे डिजिटल लेनदेन
- चेक द्वारा किए गए भुगतान
- ATM से निकासी
बैंकों को यह रिकॉर्ड कम से कम 8 साल तक सुरक्षित रखना होगा। इससे किसी भी प्रकार की जांच या ऑडिट में मदद मिलेगी।
KYC अपडेट के नए नियम
ग्राहकों को अब हर 2 साल में अपना KYC (Know Your Customer) अपडेट करना होगा। इसमें शामिल हैं:
- नवीनतम फोटो
- पता प्रमाण
- पहचान प्रमाण
- आय का स्रोत
अगर कोई ग्राहक समय पर KYC अपडेट नहीं करता है, तो बैंक उसके खाते पर प्रतिबंध लगा सकता है।
निष्क्रिय खातों के लिए नए नियम
अगर कोई खाता 2 साल तक निष्क्रिय रहता है, यानी उसमें कोई लेनदेन नहीं होता है, तो बैंक उसे फ्रीज कर सकता है। ऐसे खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए:
- ग्राहक को बैंक शाखा जाना होगा
- अपना KYC अपडेट करना होगा
- एक लिखित आवेदन देना होगा
बैंक 3 कार्य दिवसों के भीतर खाता फिर से सक्रिय कर देगा।
कैश ट्रांजेक्शन के नए नियम
50,000 रुपये से अधिक के सभी कैश लेनदेन के लिए पैन कार्ड देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा:
- एक दिन में 10 लाख रुपये से अधिक के कैश लेनदेन पर आयकर विभाग को सूचना दी जाएगी
- 2 लाख रुपये से अधिक के कैश जमा पर 1% TDS काटा जाएगा
- बैंक 50,000 रुपये से अधिक के कैश लेनदेन का कारण पूछ सकते हैं
डिजिटल लेनदेन के नए सुरक्षा मानदंड
UPI और NEFT जैसे डिजिटल लेनदेन के लिए नए सुरक्षा मानदंड लागू किए गए हैं:
- हर लेनदेन के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण
- उच्च मूल्य के लेनदेन के लिए OTP अनिवार्य
- नए डिवाइस से लेनदेन पर अतिरिक्त सत्यापन
- लेनदेन की सीमा में बदलाव के लिए 24 घंटे का कूलिंग पीरियड
बचत खाता ब्याज के नए नियम
बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ब्याज में कटौती के नए नियम लागू किए हैं:
- ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस: 500 रुपये
- अर्ध-शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस: 1000 रुपये
- शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस: 2000 रुपये
अगर इस न्यूनतम बैलेंस को नहीं रखा जाता है, तो बैंक ब्याज में कटौती कर सकते हैं।
चेक बुक शुल्क के नए नियम
अब बैंक केवल पहली चेक बुक मुफ्त देंगे। उसके बाद:
- 25 पन्नों की चेक बुक के लिए 100 रुपये
- 50 पन्नों की चेक बुक के लिए 200 रुपये
- 100 पन्नों की चेक बुक के लिए 300 रुपये
शुल्क लिया जाएगा।
ATM लेनदेन के नए नियम
महीने में मुफ्त ATM लेनदेन की संख्या कम कर दी गई है:
- अपने बैंक के ATM से 5 मुफ्त लेनदेन
- दूसरे बैंक के ATM से 3 मुफ्त लेनदेन
इसके बाद हर लेनदेन पर 20 रुपये का शुल्क लगेगा।
ऑनलाइन बैंकिंग के नए सुरक्षा उपाय
ऑनलाइन बैंकिंग को और सुरक्षित बनाने के लिए:
- हर 6 महीने में पासवर्ड बदलना अनिवार्य
- एक ही पासवर्ड दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा
- लॉगिन के लिए कैपचा और OTP दोनों जरूरी
- हाई-रिस्क लेनदेन के लिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण
NEFT और RTGS के नए नियम
NEFT और RTGS लेनदेन के लिए:
- 2 लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं
- 2-5 लाख रुपये के लेनदेन पर 5 रुपये शुल्क
- 5 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर 10 रुपये शुल्क
क्रेडिट कार्ड के नए नियम
क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए:
- न्यूनतम देय राशि बढ़ाकर बिल का 5% की गई
- ग्रेस पीरियड 45 दिन से घटाकर 30 दिन किया गया
- रिवॉर्ड पॉइंट्स की वैधता 2 साल तक सीमित
- EMI सुविधा पर प्रोसेसिंग फीस लागू
लोन के नए नियम
बैंक लोन के लिए:
- फ्लोटिंग रेट लोन के लिए MCLR से जुड़ी ब्याज दर
- प्री-पेमेंट पेनल्टी समाप्त
- लोन की पूरी जानकारी देना बैंकों के लिए अनिवार्य
- को-बॉरोअर के लिए क्रेडिट स्कोर जरूरी