सितंबर में गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के नई कीमतें हुई जारी, देखें ताजा प्राइस लिस्ट Gas Cylinder Petrol Diesel September Price List

Gas Cylinder Petrol Diesel September Price List: सितंबर 2024 में गैस सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल के दामों में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं। इन जरूरी वस्तुओं की कीमतों में होने वाले परिवर्तन आम जनता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इनका सीधा असर उनके रोजमर्रा के खर्चों पर पड़ता है। इस लेख में हम आपको गैस सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल के नवीनतम दामों के बारे में जानकारी देंगे।

भारत में ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों, विदेशी मुद्रा दर और सरकार द्वारा लगाए गए करों पर निर्भर करती हैं। इन कारकों में किसी भी तरह का बदलाव सीधे तौर पर घरेलू बाजार में ईंधन की कीमतों को प्रभावित करता है। आइए देखें कि सितंबर 2024 में इन आवश्यक वस्तुओं के दाम क्या हैं और पिछले महीनों की तुलना में इनमें क्या बदलाव आए हैं।

गैस सिलेंडर के दाम

घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमतों में पिछले कुछ महीनों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। 1 सितंबर 2024 से लागू नई कीमतों के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 803 रुपये है। अन्य प्रमुख शहरों में गैस सिलेंडर के दाम इस प्रकार हैं:

शहर14.2 किग्रा घरेलू सिलेंडर का दाम (रुपये में)
दिल्ली803
मुंबई802.5
कोलकाता829
चेन्नई818.5
गुरुग्राम811.5

व्यावसायिक उपयोग के लिए 19 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,629 रुपये प्रति सिलेंडर है।

यह ध्यान देने योग्य है कि:

  • हर घर को सालाना 12 सिलेंडर (14.2 किग्रा) सब्सिडी वाले दाम पर मिलते हैं।
  • अतिरिक्त सिलेंडरों के लिए बाजार मूल्य चुकाना पड़ता है।
  • एलपीजी की कीमतें पिछले महीने के अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य पर निर्भर करती हैं।

पेट्रोल के दाम

पेट्रोल की कीमतों में भी पिछले कुछ महीनों से कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है। 22 सितंबर 2024 को प्रमुख शहरों में पेट्रोल के दाम इस प्रकार हैं:

शहरपेट्रोल का दाम (रुपये प्रति लीटर)
दिल्ली94.72
मुंबई103.44
कोलकाता104.95
चेन्नई100.76
बेंगलुरु102.86

पेट्रोल की कीमतों में राज्य-दर-राज्य अंतर होता है, जो मुख्य रूप से राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए विभिन्न करों के कारण होता है। उदाहरण के लिए:

  • ओडिशा में पेट्रोल पर 32% वैट लगाया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश में 26.8% वैट या 18.74 रुपये प्रति लीटर, जो भी अधिक हो, लगाया जाता है।

डीजल के दाम

डीजल की कीमतों में भी स्थिरता देखी गई है। 22 सितंबर 2024 को प्रमुख शहरों में डीजल के दाम इस प्रकार हैं:

शहरडीजल का दाम (रुपये प्रति लीटर)
दिल्ली87.62
मुंबई89.97
कोलकाता91.76
चेन्नई92.35
बेंगलुरु88.94

डीजल की कीमतों में भी राज्य-दर-राज्य अंतर होता है, जो राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए करों पर निर्भर करता है।

ईंधन की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

  1. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें: भारत अपनी तेल जरूरतों का लगभग 95% आयात करता है। इसलिए, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू ईंधन की कीमतों पर पड़ता है।
  2. विदेशी मुद्रा दर: डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में बदलाव भी ईंधन की कीमतों को प्रभावित करता है।
  3. केंद्र सरकार के कर: केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। वर्तमान में, पेट्रोल पर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है।
  4. राज्य सरकार के कर: राज्य सरकारें बिक्री पर वैट या मूल्य वर्धित कर (VAT) लगाती हैं, जो राज्य-दर-राज्य अलग-अलग होता है।
  5. डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिकों को दिया जाने वाला कमीशन भी कीमतों का एक हिस्सा होता है।

ईंधन की कीमतों का प्रभाव

  • महंगाई: ईंधन की कीमतों में वृद्धि से परिवहन लागत बढ़ती है, जिससे अन्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
  • परिवार का बजट: ईंधन की बढ़ती कीमतें सीधे तौर पर परिवारों के खर्च को प्रभावित करती हैं।
  • उद्योग और व्यापार: ईंधन की कीमतों में वृद्धि से उत्पादन और परिवहन लागत बढ़ जाती है, जो कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित करती है।
  • अर्थव्यवस्था: ईंधन की कीमतों में बड़े बदलाव से देश की आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति दर प्रभावित हो सकती है।

सरकारी नीतियां और पहल

भारत सरकार ने ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  1. दैनिक मूल्य संशोधन: जून 2017 से, ईंधन की कीमतों को रोजाना संशोधित किया जाता है, जिससे बड़े उतार-चढ़ाव से बचा जा सके।
  2. एलपीजी सब्सिडी: सरकार प्रति परिवार 12 सिलेंडर तक सब्सिडी प्रदान करती है।
  3. कर में कटौती: कभी-कभी सरकार ईंधन पर लगने वाले करों में कटौती करती है ताकि कीमतों में वृद्धि को कम किया जा सके।
  4. अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत ने कई देशों के साथ तेल आयात समझौते किए हैं ताकि आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके और कीमतों को स्थिर रखा जा सके।

भविष्य की संभावनाएं

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था: विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति कच्चे तेल की मांग और कीमतों को प्रभावित करेगी।
  • भू-राजनीतिक स्थिति: तेल उत्पादक देशों में राजनीतिक अस्थिरता या संघर्ष कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
  • वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के बढ़ते उपयोग से जीवाश्म ईंधन की मांग प्रभावित हो सकती है।
  • सरकारी नीतियां: कर नीतियों और सब्सिडी में बदलाव ईंधन की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।

Author

  • Aman Kanojia

    Aman Kanojia has done a Master’s in Mass Media and 6 years of experience writing about government schemes, recruitment, and educational topics.

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