Petrol Diesel New Rate: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की संभावना है। CLSA की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 अक्टूबर के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती है। यह खबर देश के करोड़ों वाहन चालकों के लिए राहत की बात हो सकती है।
मार्च 2024 के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पिछले कुछ महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे तेल कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है। इसी वजह से अब कीमतों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की संभावना
CLSA की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है। यह कटौती 5 अक्टूबर के बाद किसी भी समय हो सकती है। इस संभावित कटौती के पीछे कई कारण हैं:
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
- तेल कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी
- आगामी चुनावों के मद्देनजर सरकार की ओर से राहत देने की कोशिश
पेट्रोलियम मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने पिछले महीने ही संकेत दिया था कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक कम रहती हैं, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की जा सकती है।
वर्तमान पेट्रोल-डीजल की कीमतें
वर्तमान में देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
शहर | पेट्रोल (रुपये/लीटर) | डीजल (रुपये/लीटर) |
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 103.44 | 89.97 |
कोलकाता | 104.95 | 91.76 |
चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
कीमतों में कटौती के संभावित कारण
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
- तेल कंपनियों के मार्केटिंग मार्जिन में बढ़ोतरी
- आगामी चुनावों को देखते हुए सरकार की ओर से जनता को राहत देने की कोशिश
- अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ईंधन की कीमतों में कमी करना
कीमतों में कटौती का प्रभाव
अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर की कटौती होती है, तो इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है:
- आम जनता को राहत मिलेगी
- वाहन चालकों के खर्च में कमी आएगी
- माल ढुलाई की लागत कम होगी, जिससे कई वस्तुओं की कीमतें घट सकती हैं
- महंगाई पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है
- अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है
सरकार की भूमिका
केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। CLSA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती के साथ-साथ एक्साइज ड्यूटी में भी बढ़ोतरी कर सकती है। वर्तमान में:
- पेट्रोल पर 19.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी
- डीजल पर 15.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी
यह दरें 2021 के उच्चतम स्तर से 40-50% कम हैं। सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपने राजस्व में वृद्धि कर सकती है।
तेल कंपनियों पर प्रभाव
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का प्रभाव सरकारी तेल कंपनियों पर भी पड़ेगा:
- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC)
- भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL)
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL)
इन कंपनियों के मुनाफे में कुछ कमी आ सकती है। लेकिन अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाती है, तो इससे कंपनियों को राहत मिल सकती है।
महाराष्ट्र चुनाव का प्रभाव
CLSA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों का भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर पड़ सकता है। महाराष्ट्र में नवंबर की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर सकता है।
अन्य राज्यों पर प्रभाव
अगर केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती करती है, तो इसका प्रभाव अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। कई राज्य सरकारें भी अपने यहां पेट्रोल-डीजल पर वैट में कटौती कर सकती हैं। इससे कीमतों में और अधिक कमी आ सकती है।